चुनाव आयोग के खिलाफ दर्ज होना चाहिए हत्या का मामला
मद्रास हाई कोर्ट ने बीते कुछ सप्ताह में कोरोना विस्फोट के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही अदालत ने आयोग की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि गैरजिम्मेदाराना व्यवहार के लिए चुनाव आयोग के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए। आयोग अपनी जिम्मेदारी को पूरी करने में विफल रहा है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव में राजनीतिक दलों ने कोरोना प्रोटोकॉल का जमकर उल्लंघन किया और आयोग उन्हें रोकने में असमर्थ रहा है। चुनाव आयोग के चलते स्थिति इतनी विकराल हुई है और वह राजनीतिक दलों पर नकेल कसने में नाकाम रहा है।
कोर्ट ने कहा, 'संस्थान के तौर पर चुनाव आयोग ही इन हालात के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।
अपने अधिकार का कोई इस्तेमाल नहीं किया। अदालत की ओर से कई आदेश दिए जाने के बाद भी आपकी ओर से राजनीतिक दलों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। कोविड प्रोटकॉल बनाए रखने की तमाम अपीलों और आदेशों को नजरअंदाज किया गया है।' यही नहीं अदालत ने कहा कि यदि आपने कोविड प्रोटोकॉल का कोई ब्लूप्रिंट नहीं तैयार किया तो हम 2 मई को होने वाली मतगणना को रुकवा भी सकते हैं। अदालत ने कहा कि आपकी मूर्खता के चलते ही ऐसे हालात पैदा हुए हैं।
कोर्ट ने कहा, 'अब हम आपको यह बता रहे हैं कि यदि 2 मई से पहले आपने कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर कोई ब्लूप्रिंट नहीं दिया तो फिर हम मतगणना रुकवा भी सकते हैं। हम नहीं चाहते कि आपकी मूर्खता के चलते राज्य में कोई और मौत हो।' कोर्ट ने कहा कि किसी भी कीमत में कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन के बीच भी मतगणना जारी नहीं रह सकती।अदालत ने कहा कि जनता का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे अहम है और इससे किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को जिम्मेदारी के साथ बर्ताव करना चाहिए।